नक्श नहीं बदल सकती थी मैं
ना ही रूप
ना ये रंग
पर मैं मन बदल सकती थी
अलग अलग शेड्स वाले
रोज़ पसंदीदा मन पहनती हूँ
जो कभी माथे पर....
कभी होंठों के दोनों कोनों पर बिंदी बन जाता है।
ना ही रूप
ना ये रंग
पर मैं मन बदल सकती थी
अलग अलग शेड्स वाले
रोज़ पसंदीदा मन पहनती हूँ
जो कभी माथे पर....
कभी होंठों के दोनों कोनों पर बिंदी बन जाता है।
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