सरहद के उस पार तो शख्स रहता है और इस पार..प्रेम!
प्रेम को इस पार अपने बेहद करीब रखना हमेशा से पसंद है मुझे। शायद मैं स्वार्थी हूँ।
अक्सर देखती हूँ हम सब शहर उगाने में माहिर हैं। हम अपने बीच चंद लम्हें बोते हैं और फसल शहरों की उग आती है। शहरों की फसल फ़ासले लाती है ।
अक्सर देखती हूँ हम सब शहर उगाने में माहिर हैं। हम अपने बीच चंद लम्हें बोते हैं और फसल शहरों की उग आती है। शहरों की फसल फ़ासले लाती है ।
फ़ासले....
फैसलों के फासले
फासलों के फैसले
फिर शख्स का उसी अमर पगडंडी पर चलना.....
"जाना एक बेहद ख़ौफ़नाक क्रिया है वाली"
और शहर शहर पार करते हुए मेरी सरहद पार कर देना ।
फैसलों के फासले
फासलों के फैसले
फिर शख्स का उसी अमर पगडंडी पर चलना.....
"जाना एक बेहद ख़ौफ़नाक क्रिया है वाली"
और शहर शहर पार करते हुए मेरी सरहद पार कर देना ।
वो तो शुक्र है....सरहदें मेरी चाहनाओं के लिए नहीं है वर्ना शख्स बिन हवा ,पानी ,ताप के सूख जाता।
आबाद रहे शख्स
बार बार आता रहे ......
बाकी जाने वाली पगडंडी तो कायम रहेगी...
मेरे प्रेम से जो बनी है।
आबाद रहे शख्स
बार बार आता रहे ......
बाकी जाने वाली पगडंडी तो कायम रहेगी...
मेरे प्रेम से जो बनी है।
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