सुनो!
तुम इस लिए भी कायम हो मुझमें अब तलक कि मुझमें सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हारा ही ज़िक्र बिखरा हुआ है ।
कुछ इत्र सूखते नहीं ....राब्ता हो जाते हैं।
तुम इस लिए भी कायम हो मुझमें अब तलक कि मुझमें सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हारा ही ज़िक्र बिखरा हुआ है ।
कुछ इत्र सूखते नहीं ....राब्ता हो जाते हैं।
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