हम यहाँ महज़ शब्दों को ही नहीं.....
सबकी मानसिकता को सहेजना भी सीख रहे हैं ।
सबकी मानसिकता को सहेजना भी सीख रहे हैं ।
गहरी उदास औरतों का लिखा जाना सबसे खूबसूरत कृति होती है ....
है ना?
सुनो!
कब तक नकारते रहोगे?
नीला रंग सफ़ेद होने को है।
ये रिश्ता क्या कहलाता है ?
कब तक नकारते रहोगे?
नीला रंग सफ़ेद होने को है।
ये रिश्ता क्या कहलाता है ?
आज इन आँखों ने "इंतज़ार" उतार कर "सुकून" पहन रखा है .......
खुश आंखें छू कर आयीं हैं
शायद .....कोई अजनबी चेहरा।
शायद .....कोई अजनबी चेहरा।
अनलिखा पढ़ने का हुनर रखते तो ...
मैं किताब ना हुई होती
तुम्हारी उदासी का रंग बेहद गहरा नीला लगा ।
आज रुक नहीं रहा मुझमें ....
रो लूँ क्या?
आज रुक नहीं रहा मुझमें ....
रो लूँ क्या?
नए पते पर पुराने प्रेम की चिट्ठियां कभी नहीं पहुंचती।
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