मेरे ख़ास होने की महज़ इतनी सी वजह काफी है .....
कि तुम आज भी मुझे ......
इन शब्दों में खोजते हो .... यादों में नहीं .......
जो वक़्त की गिरफ्त में हुआ करती हैं
और मैं तो .....बेमौसम...... बेवक्त
तब भी हुआ करती थी और..... आज भी हूँ
कि तुम आज भी मुझे ......
इन शब्दों में खोजते हो .... यादों में नहीं .......
जो वक़्त की गिरफ्त में हुआ करती हैं
और मैं तो .....बेमौसम...... बेवक्त
तब भी हुआ करती थी और..... आज भी हूँ
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