रंगों की दीवानगी थी ....
तो सोचा...... तुम्हें ही अंतस में धर लिया जाय
क्या जानती थी तुम असमानी हो जाओगे
बेरंग........चुटकियों वाला धनुक
तो सोचा...... तुम्हें ही अंतस में धर लिया जाय
क्या जानती थी तुम असमानी हो जाओगे
बेरंग........चुटकियों वाला धनुक
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें