तुम...... हमेशा से मेरे लिए
वो बारिश की बूंदें रहे हो
जिससे गुज़रती हूँ तो ......
इंद्रधनुष हो जाती हूँ
ये और बात है कि....
मेरा इंद्रधनुष.....
सिर्फ इक लकीर है...
जो सुर्ख लाल है .... सदियों से
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वजनदार कलम
जवाब देंहटाएंदमदार सोच
सराहना करती हूँ
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सादर
abhaar aapka
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