दिल खोलकर कुछ कर जाने के लिए ....... सिर्फ इक हुनर सीख लीजिये.... अपने कान बंद कर लीजिये
हद से गुजर जाइयेगा अपना कद बढ़ा पाइएगा
"कनेर" तुम मुझे इसलिए भी पसंद हो कि तुम गुलाब नहीं हो.... तुम्हारे पास वो अटकी हुई गुलमोहर की टूटी पंखुड़ी मैं हूँ... तुम्हें दूर ...
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