ख्वाब ....मेरे हमराह भी
करते मुझे .....गुमराह भी
जीवन ....
ख्वाइशों सा .....हरा भरा
इक ख्वाब पूरा हुआ तो .....
इक उग आया .... ज़रा ज़रा
ख्वाब .....
रोज़ उगते ...
पलते ...
मिटते हैं
गर अधूरे रहे ....
तो आँख से रिसते हैं
करते मुझे .....गुमराह भी
जीवन ....
ख्वाइशों सा .....हरा भरा
इक ख्वाब पूरा हुआ तो .....
इक उग आया .... ज़रा ज़रा
ख्वाब .....
रोज़ उगते ...
पलते ...
मिटते हैं
गर अधूरे रहे ....
तो आँख से रिसते हैं
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