हर बार .......बस...
हर बार
तेरा सच
सच्चा नहीं होता
बातों में दिल
झूलता तो है
बस
बच्चा नहीं होता
बातों में दिल
झूलता तो है
बस
बच्चा नहीं होता
हर बार
तेरी चुप्पी
चुप नहीं होती
तन्हाई में चीखती है
अंधेरों सी
बस
घुप्प नहीं होती
तेरी चुप्पी
चुप नहीं होती
तन्हाई में चीखती है
अंधेरों सी
बस
घुप्प नहीं होती
हर बार
तेरी नज़र
नजरिया नहीं होती
दिल को छूने की
खूबसूरती ही
बस
इक जरिया नहीं होती
तेरी नज़र
नजरिया नहीं होती
दिल को छूने की
खूबसूरती ही
बस
इक जरिया नहीं होती
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