मीलों लंबा सफ़र करके ...
आज
इक पुराना टुकड़ा एहसास
उस तरफ से ...
इस तरफ चला आया
मुझमें दस्तक देकर
मुझे छू कर बोला ...
दिल "बहुत"है मेरे पास
थोड़ी "रूह" दे सकोगी .....
और बस मैं ....."रूहानी" हो गयी
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