होली तो अब आ रही है ...
ये ....यादों के गुब्बारे ...
मुझ पर रोज़ ही क्यों बरसते हैं?
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सादगी
सादी सी बात सादगी से कहो न यार .... जाने क्या क्या मिला रहे ..... फूल पत्ते मौसम बहार सूरज चाँद रेत समंदर दिल दिमाग स...

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रिश्तों को तो रोज़ ..... ढोता है आदमी फिर क्यों बिछड़कर .... रोता है आदमी दिन भर सपने ..... कौड़ियों में बेचता रात फिर इक ख्वाब .. ब...
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प्रेम सबसे कम समय में तय की हुई सबसे लंबी दूरी है... यात्रा भी मैं ... यात्री भी मैं
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तलाश ..... सिर्फ , सुकून की होती नाम ...... रिश्ते को , मिले , ना मिले पहचान...... रूह को , रूह देगी आश्ना ...... दिल को , मिले , ना...

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