ज़रा ज़रा ....हाँ - हाँ में वो .......ना
ज़रा ज़रा .....ना - ना में वो ......हाँ
उफ़....
ये .....आधे - आधे ......पूरे हैं हम ........
फिल्मों में ही अच्छा लगता है
है तो है ......बस☺☺☺☺☺
"कनेर" तुम मुझे इसलिए भी पसंद हो कि तुम गुलाब नहीं हो.... तुम्हारे पास वो अटकी हुई गुलमोहर की टूटी पंखुड़ी मैं हूँ... तुम्हें दूर ...
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