हरी घास की तरह होते हैं
या पीली पीली बेल कह लो
जो लिपटे रहते हैं हमसे
या बिछे रहते हैं हम पर
रात दिन
कोई ख़ास वजह
नहीं होती संग रहने की
न ही कोई
शिकायत ही शेष रह जाती है
पर छूटते भी नहीं
और टूटते भी नही
क्योंकि आलिंगन पा चुके होते हैं
मुकम्मल दीखते हैं दूर से
इन्हें रोज़ ओढ़ा जाता है
और सिर्फ
जीवित रखा जाता है
की दुनिया
मखमली समझती रहे
उदाहरण देती रहे
प्रेरणा लेती रहे
जबकि घास
और
पीली पीली बेलें
सिर्फ ढंकती हैं
फूल नहीं खिलाती
अब
ये रोज़ाना वाले रिश्ते
चुभते नहीं
सिर्फ चलते हैं साथ साथ
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