इक बूंद नज़र मिली,
मैं चुनर.... धानी हो गयी
इक बूंद वफा मिली,
मैं रात ..... रानी हो गयी
इक बूंद लफ्ज़ मिले,
मैं ग़ज़ल ..... सुहानी हो गयी
इक बूंद इकरार मिला,
मैं बेहद..... रूमानी हो गयी
इक बूंद एहसास मिला,
मैं बांवरी..... दीवानी हो गयी
इक बूंद मुस्कान मिली ,
मैं खुशियां ..... नूरानी हो गयी
इक बूंद स्पर्श मिला,
मैं रूह ..... रूहानी हो गयी
इक बूंद तड़प मिली,
मैं मोम ..... पानी हो गयी
इक बूंद दुआ मिली,
मैं बुलंद ..... निशानी हो गयी
इक बूंद शरारत मिली,
मैं ख्वाइशें ..... ज़ुबानी हो गयी
इक बूंद पनाह मिली,
मैं इश्क ..... कहानी हो गयी
इक बूंद आगोश मिला,
मैं खुद ..... बेगानी हो गयी
इक बूंद धड़कन मिली,
मैं बुत ..... ज़िंदगानी हो गयी
इक बूंद तू मिला,
मैं कहाँ ? ....बेमानी हो गयी
बूंद -बूंद से सजा ये रिश्ता
हर बूंद से पनपा ये रिश्ता
बस एक बूंद में सिमटा ये रिश्ता
पर बूंद का नहीं
सागर सी गहराइयों का वजूद लिए ये तेरा-मेरा रिश्ता
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