इक दीवाना..... आकर ठहर जायेगा
बूझो तो जानू .....आईने ने कहा
शरमाते हुए .....मैं बोली ....
दीवानी पहलु में बैठी है
दीवाना दरीचे से झाँक रहा
जवाब सुन आइना .......
मंद मंद मुस्कुराया
मुझको गले लगाया
अब आप बूझो.....
न समझ पाओ ....
तो शब्दकोष में
"जवानी" और "बुढ़ापा " खोजो
कल्पना पाण्डेय
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें