नाम रिश्ते को मिले न मिले वाह बहुत खूब वाह
thanks rahul ji
खुबसूरत पंक्तियाँ
Thanks mukesh kumar ji
"कनेर" तुम मुझे इसलिए भी पसंद हो कि तुम गुलाब नहीं हो.... तुम्हारे पास वो अटकी हुई गुलमोहर की टूटी पंखुड़ी मैं हूँ... तुम्हें दूर ...
नाम रिश्ते को मिले न मिले वाह बहुत खूब वाह
जवाब देंहटाएंthanks rahul ji
हटाएंनाम रिश्ते को मिले न मिले वाह बहुत खूब वाह
जवाब देंहटाएंखुबसूरत पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंThanks mukesh kumar ji
हटाएं