ज्ञान ज्योति का दीपक जलाये
मन में आशा का सागर समाये
हिंदी प्यारी हमारी है भाषा
इसको उन्नत बनाने की आशा
बढ़ती आयी है बढ़ती रहेगी
नाम भारत का रोशन करेगी
माँ के माथे की जैसे हो बिंदी
झिल्मिलाएगीएक दिन ये हिंदी
गांधी नेहरू ने देखा था सपना
राष्ट्रभाषा बने मान अपना
हिंदी बोलेंगे .......हिंदी पढ़ेंगे
आओ मिलके ये प्रण हम करेंगे
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