ज़िन्दगी में कुछ पल ऐसे होते हैं
जो हमारे साथ चलते हैं
कभी हम पलों में ज़िन्दगी जीते हैं
कभी ज़िन्दगी भर उस पल को जीते हैं
होते कुछ पल ऐसे हैं ,जो मिल कर साथ चलते हैं
समेटो इन पलों को
लोग इन्हें तजुर्बा कहते हैं
होते कुछ पल ऐसे हैं ,जो मिलकर लड़खड़ाते हैं
थामों इन पलों को
लोग इन्हें गुमराह कहते हैं
होते कुछ पल ऐसे हैं ,जो मिलकर चुप रहते हैं
बदलो इन पलों को
लोग इन्हें गुनाह कहते हैं
होते कुछ पल ऐसे हैं , फिर कभी नहीं मिलते हैं
सोख लो इन पलों को
लोग इन्हें यादें कहते हैं
होते कुछ पल ऐसे हैं ,जो बस गिनती के मिलते हैं
जी जाओ इन पलों को
लोग इन्हें इश्क़ियत कहते हैं
होते कुछ पल ऐसे हैं ,जो हर रोज़ मिलते हैं
सहेज लो इन पलों को
लोग इन्हें ज़िन्दगी कहते हैं
होते कुछ पल ऐसे हैं ,मिलते बिछड़ते रहते हैं
विदा दो इन पलों को
लोग इन्हें तक़रार कहते है
होते कुछ पल ऐसे हैं , सिर्फ इक बार मिलते हैं
जमा दो इन पलों को
लोग इन्हें आइना कहते हैं
होते कुछ पल ऐसे हैं ,बस आखरी बार मिलते हैं
ढांक दो इन पलों को
लोग इन्हें मौत कहते हैं
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