ये हिसाब तो गलत है ना पापा .....
बोलो ना माँ ....
छोटी हथेली..... बड़े ख्वाब
बड़ी हथेली .........बड़े ख्वाब
आपके तो छोटे होने चाहिए थे ना पापा
बोलो ना माँ .....
क्या मेरा हिसाब गलत है ?
माँ ....
पापा.....
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कनेर
"कनेर" तुम मुझे इसलिए भी पसंद हो कि तुम गुलाब नहीं हो.... तुम्हारे पास वो अटकी हुई गुलमोहर की टूटी पंखुड़ी मैं हूँ... तुम्हें दूर ...

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