चंद नजरें उठी थी इश्क की तेरी तरफ
तेरा मंजर उधार हैं मुझ पर
चंद लफ्ज़ बिखेरे थे इश्क के तुझ पर
तेरे बोल उधार हैं मुझ पर
चंद साँसे दी थी इश्क की तुझ को
तेरी धड़कन उधार है मुझ पर
चंद इशारे किये थे इश्क में तुझ को
तेरी शरारत उधार हैं मुझ पर
चंद पल गुजारे थे इश्क के तुझ संग
तेरे लम्हात उधार है मुझ पर
चंद सपने देखे थे इश्क के तेरे लिए
तेरी ख्वाइशें उधार हैं मुझ पर
चंद खामोश लब पढ़े थे इश्क के तेरे
तेरी तन्हाई उधार है मुझ पर
चंद कागज़ के टुकड़े इश्क के भरे तेरे लिए
तेरे कुछ जज्बात उधार है मुझ पर
चंद गर्माइशें इश्क की दी थी तुझ को
तेरा आगोश उधार है मुझ पर
चंद अदाओं की जागीर इश्क में थी तेरी
तेरी इक तस्वीर उधार है मुझ पर
चंद इश्क की रस्में निभायी थी तुझ संग
तेरी इश्क़ियत उधार है मुझ पर
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