ये ख्वाब जुगनू थे
सुबह .....
तितली से मिले
रात ....
झिलमिला रहे थे
सुबह .....
इठलाते मिले
खुश हूँ .....
मेरे ख्वाब रात - दिन
सिर्फ मेरे ही आँगन में उड़ते
सिर्फ मेरे ही पास रहते
कभी .....मैं उन्हें छूती
कभी .....वो मुझे छूते
कभी .....वो मेरे होते
कभी .....मैं उनकी होती
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