स्नेह की चाशनी में .....
भिगो कर
हथेलियों में धर देना
"कॉफ़ी" में .....आज "चीनी " कम है
कह देना ....…
अच्छा लगा .....
अच्छा लगा ....
आज बस .....
पास से तुम्हारा
गुज़र जाना
कुछ न कहना
बस मेरी आँखों में
नज़र आना
अच्छा लगा ....
अच्छा लगा ....
मुठी भर लम्हों में .....
आज मिलना ....
घुल जाना
बस मुझमें.....ज़रा सा
रह जाना
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