वो "इक" तारा .....चाँद के करीब वाला
"इक" टुकड़ा .....बादल
"इक" ही झोंका..... बहकती हवा वाला
धनुक का बस "इक" ही ..... रंग
और "इक" वो चाँद ...मासूम वाला
"इक "रात की .....चांदनी
"इक" मंजर ......जो हो इश्क वाला
दे दो ना आज .......
" इक" एहसास .......सिखाने को
"इक " लौ ...........लगाने को
" इक" प्रीत ....निभाने को
"इक" मीत ..बनाने को
मेरे "इक" दीवाने को
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