जब किसी रोज़ .....
आपका अपना
कल ...
आज...
और कल....
बगल वाली
खाली जगह घेरने लगे
आपको रह रह कर .....
घूरने लगे
तो मान लीजिये ......
कि बस .....
अब दिल
बोलने ही वाला है
वो....
जो हम कत्तई ....सुनना नहीं चाहते
सांवला सच ....वो..... सुनेहरा झूठ
आपका अपना
कल ...
आज...
और कल....
बगल वाली
खाली जगह घेरने लगे
आपको रह रह कर .....
घूरने लगे
तो मान लीजिये ......
कि बस .....
अब दिल
बोलने ही वाला है
वो....
जो हम कत्तई ....सुनना नहीं चाहते
सांवला सच ....वो..... सुनेहरा झूठ
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