मेरे पैमाने में भी उड़ेल दो
काट लो ......
इक फांक सूरज
और ......
सजा डालो ये जाम
मुट्ठी भर ......धुंध ....
तुम्हारे नाम वाली फूंक दो ....
आज .....मेरे इर्दगिर्द
और वो......
मेज़ पर रखी .....
नरम यादों वाली डायरी ....
उठा लाओ ना प्लीज
कलम भी ......गर्माइश चखना चाहती है
आज ......कुछ अजीब लिखना चाहती है
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