शब्दों का मांझा ...लपेट के रख दिया
तो दिल पतंग ....
धड़कन छु आयी
लौटी तो ...
संग तुझे.....मेरा "धनुक" ले आयी
जाने क्या क्या न तुझसे कह आयी
उसी पल ....इक उम्र रह आयी
आधा टुकड़ा भर चाँद का
झोली भर आंच सूरज की
दरमियाँ ले आयी
दिल पतंग ....
तू .....शब्दों का मांझा ......
तोड़ के रख दे
ख़ामोशी से .....
अपनी हर राह ....
मुझ तलक ....मोड़ के रख दे
कल्पना पाण्डेय
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