दिल .......
ये ख्वाइशों की
अलमारी सा
अधूरी ख्वाइशें
खूंटी में टांग दो
मुकम्मल ख्वाइशें
तेह लगा दो
जिगरी ख्वाइशें
अखबार में दबा दो
बिखरी ख्वाइशें
फूंख मार उडा दो
नयी ख्वाइशें
खानों में लगा दो
पुरानी ख्वाइशें
तिजौरी में सुला दो
मखमली ख्वाइशें
इधर उधर सजा दो
मटमैली ख्वाइशें
दरीचों में घुसा दो
" सफाई " के बाद
दरवाजे पर
कुछ कुरेदा हुआ
पढ़ लो.......
न जगह कम
न वजह कम
न आस काम
न विश्वास कम
न प्रयास कम
न कयास कम
न "हम "कम
न "हमारी ख्वाइशें "कम
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